‘60’ का गुजरात ‘साठ’ का : टूट गई नरेन्द्र मोदी की 17 साल पुरानी परंपरा….

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महाराष्ट्र-गुजरात में ‘हीरक जयंती’ पर छाई कोरोना की कालिमा

CM मोदी ने गुजरात का स्वर्ण जयंती वर्ष धूमधाम से मनाया था

रिपोर्ट : कन्हैया कोष्टी

अहदाबाद (30/04/2020)। गुजरात आज मध्य रात्रि 12.00 बजे पूरे 60 वर्ष का हो जाएगा। भाषाई यानी गुजराती अस्मिता के अस्तित्व के लिए गुजरात ने 4 वर्ष संघर्ष किया। इंदूलाल याज्ञिक के नेतृत्व में महागुजरात आंदोलन चलाया गया और अंतत: तत्कालीन नेहरू सरकार ने बृहन्मुंबई राज्य से 1 मई, 1960 को 2 राज्यों का गठन किया, जिनमें एक था गुजरात का और दूसरा था महाराष्ट्र।

इस प्रकार 60 का गुजरात साठ का हो रहा है। किसी भी कार्य, कार्यक्रम या संस्थान के 60 वर्ष पूर्ण होने को हीरक जयंती (Diamond Jubilee) कहा जाता है, परंतु यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुजरात एवं महाराष्ट्र दोनों ही अपनी स्थापना के 60 वर्ष का उत्सव नहीं मना पाएँगे, क्योंकि संयोग से समग्र विश्व में कोरोना वायरस (CORONA VIRUS) से फैली महामारी कोविड 19 (COVID 19) का भारत में सबसे बड़े शिकार महाराष्ट्र एवं गुजरात ही हैं।

कोरोना संक्रमण के लगभग 10,000 मामलों व लगभग 435 मौतों के साथ महाराष्ट्र पहले स्थान पर है, तो 4,100 केसों व 200 मौतों के साथ गुजरात दूसरे स्थान पर है। ऐसी स्थिति में इन दोनों ही राज्यों में कोरोना काल बन कर छाया हुआ है और यही कारण है कि कोरोना संकट तथा लॉकडाउन (LOCKDOWN) इतिहास में पहली बार ये दोनों राज्य अपना ऐतिहासिक स्थापना दिवस नहीं मनाएँगे।

मोदी की परंपरा पर कोरोना का ब्रेक

जहाँ तक गुजरात का प्रश्न है, तो गुजरात में 1 मई, 1960 को स्थापना के साथ पहला गुजरात दिवस मनाया गया और पूरे राज्य में उत्सव का माहौल था। साबरमती आश्रम में जीवराज मेहता ने प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। तत्पश्चात् सभी मुख्यमंत्रियों ने राजधानी में हर वर्ष 1 मई को गुजरात स्थापना दिवस मनाने की परंपरा शुरू की। यद्यपि कोई भी मुख्यमंत्री गुजरात स्थापना दिवस के उत्सव को 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस व 26 जनवरी गणतंत्र दिवस जैसी ख्याति नहीं दिला सका, परंतु 2001 में सत्ता में आए मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात गौरव की महागाथा समान इस दिवस को महान व जन-जन में पहुँचा दिया।

मोदी ने वर्ष 2003 में घोषणा की कि राज्य में 26 जनवरी, 15 अगस्त और 1 मई के राष्ट्रीय व राज्योत्सव समारोह आर्थिक राजधानी अहमदाबाद व राजनीतिक राजधानी गांधीनगर से बाहर मनाए जाएँगे। इस नीति के तहत पहली बार 1 मई, 2003 को राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह वडोदरा में आयोजित हुआ। 2003 से आरंभ की गई यह परंपरा उनके बाद आनंदीबहन पटेल व वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भी 2019 तक बनाए रखी, परंतु 2020 में कोरोना के काल के कारण मोदी की यह परंपरा टूट गई।

पूरी गुजरात सरकार इस समय कोरोना से निपटने में जुटी हुई है। जिस गुजरात स्थापना दिवस समारोह की तैयारियाँ फरवरी-मार्च से शुरू हो जाती थीं, इस बार मौका ही नहीं मिला। ऐसे में गुजरात के 60 वर्ष पूर्ण होने के महान अवसर का उत्सव सोशल मीडिया पर ही मनाया जाना निश्चित है। यहाँ उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में गुजरात की 50वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में गांधीनगर में बड़ा उत्सव आयोजित हुआ था। मोदी ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, जिसमें सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों तथा पूर्व विधायकों को आमंत्रित किया था, परंतु कालचक्र ने ऐसा दिन दिखाया कि इस बार गुजरात स्थापना दिवस पर सन्नाटा रहेगा।

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